27 सितंबर 2025—ये तारीख सिर्फ़ कैलेंडर का पन्ना नहीं, बल्कि एक सदी की कहानी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज अपने 100 साल पूरे कर रहा है।
इस सफ़र में RSS ने सबकुछ देखा—
आज़ादी की गूंज, गांधी की हत्या का साया, इमरजेंसी की कड़वाहट, बाबरी मस्जिद का तूफ़ान,
और वो मोड़, जब “अराजनीतिक” कहे जाने वाले संघ से दो प्रधानमंत्री निकले. सवाल उठे, आरोप लगे, तीन बार बैन भी झेला. लेकिन हर बार संघ और मज़बूत होकर लौटा.
अब, 100 साल बाद, सबसे बड़ा सवाल— RSS की असली यात्रा कैसी रही? क्या ये उतार-चढ़ावों से भरी रही या अपनी विचारधारा की मज़बूती से टिके रहने की कहानी?
इन्हीं सवालों पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और लेखक निलांजन मुखोपाध्याय, जिन्होंने दशकों तक हिंदू संगठनों और राजनीति को क़रीब से कवर किया है और अपनी किताब The RSS: Icons of Indian Right में इन्हें दर्ज किया है. देखिए और समझिए, RSS के सौ सालों की ताक़त, आलोचनाएँ और जटिलताएँ. और हाँ, Aajtak Radio को Subscribe करना न भूलें.
Informations
- Émission
- Chaîne
- FréquenceChaque semaine
- Publiée25 septembre 2025 à 14:03 UTC
- Durée1 h 36 min
- ClassificationTous publics