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मुंशी प्रेमचंद की अनमोल कहानियां ☺️🙏🙏








Safar Zindagi ka

Smriti Anil Sanskriti Sanskar srivastava

    • Fiktion

मुंशी प्रेमचंद की अनमोल कहानियां ☺️🙏🙏








Safar Zindagi ka

    Kafan

    Kafan

    Ghishu aur Madhav chamaro ke kunbe mein rahte the Jo bahut alsi aur kam chor the unke ghar mein koi mahila Nahin thi 1 sal pahle Madhav ki shaadi hone ke bad uski patni mein Uske Ghar ko vyavasthit Kiya lekin jab Uske bachcha Hona tha uski mrutyu prasav vedna se ho gai Uske pati aur sasur ne aalas ke Karan uska dhyan nahin diya Madhav ki patni ki mrutyu ke bad Uske kafan ke liye bhi UN logon ke pass paise Nahin the wo sochte the ki uski patni mar jay jisse unhen mehnat Nahin karni padegi

    • 10 Min.
    रानी सारंधा-भाग९रानी सारंधा के जीवन का अंतिम क्षण

    रानी सारंधा-भाग९रानी सारंधा के जीवन का अंतिम क्षण

    रानी सारंगा का अपने पुत्र छत्रसाल को बादशाह के पास समझौते के लिए भेजना कि वह उसकी प्रजा को नुकसान न पहुंचाए और वह ओरछा छोड़कर चले जाएंगे चंपत राय रानी सारंधा छोड़कर कुछ दसकोशी दूर जाते हैं कि तभी बादशाही सेनाओं का पीछा करते-करते वहां पहुंच जाती है यह देखकर रानी सारंधा बहुत निराश होती हैं परंतु कहते हैं हर निराशा में एक आशा होती है उसे लगता है कहीं ऐसा तो नहीं कि उसके राजकुमारों ने उसके मदद के लिए ओरछा की सेना भेजि हो कुछ दूर चलने के बाद शाही सेना पास आती है तो रानी सारंधा को एहसास हो जाता है कि यह सेना बादशाही है जैसे ही चंपत राय को यह पता चलता है कि बादशाही सेना उनके पास आ पहुंची है तो चंपत राय कहते हैं मुझे मृत्यु दान दे दो सारन यह बात सुन सारन बहुत दुखी होती है परंतु परिस्थिति वर्ष रानी सारंधा को अपने प्राण पति चंपत राय और अपने जीवन का बलिदान देना पड़ता है

    • 8 Min.
    रानी सारंधा- भाग८

    रानी सारंधा- भाग८

    इस एपिसोड में यह बताया गया है की, बादशाही सेना ओरछा को चारों तरफ से घेर लेती है।तब रानी सारंधा चंपत राय से कहती है, हमें ओरछा छोड़ देना चाहिए, चंपत राय कहते हैं नहीं हम ओरछा नहीं छोड़ सकते। क्योंकि जिन वीरों ने हमारे लिए अपनी जान का बलिदान किया, उनके परिवार को मझदार में छोड़कर नहीं जाएंगे, तब रानी सारंधा कहती है अगर हम ओरछा छोड़ दें तो, हो सकता है बादशाह इन लोगों को छोड़ देगा या माफ कर देगा लेकिन चंपत राय ओरछा छोड़ने से मना कर देते हैं। फिर रानी सारंधा बोलती हैं अगर बादशाह हमसे यह वादा करें कि वह ओरछा के जन को छोड़ दें तब तो आप ओरछा छोड़ देंगे चंपत राय कहता है लेकिन यह प्रस्ताव बादशाह के पास लेकर जाएगा कौन? रानी सारंधा कहती हैं, हमारा पुत्र "छत्रसाल" हमारा प्रस्ताव बादशाह के सेनापति के पास लेकर जाएगा।

    • 6 Min.
    रानी सारंधा-भाग ७

    रानी सारंधा-भाग ७

    इस एपिसोड में बताया गया है कि रानी सारंधा जब घोड़े के बदले में अपना मंसब जागीर सब बादशाह के हाथों सौंप कर घोड़ा ले जाती है, यह बात जानकर चंपत राय बहुत दुखी होते हैं और वह वापस ओरछा लौट जाते हैं बादशाह को यह बात दोबारा नहीं होती की रानी सा धंधा उससे उसका घोड़ा ले गई है और वह चंपत राय अर्थात ओरछा में आक्रमण कर देता

    • 3 Min.
    रानी सारंधा-भाग६

    रानी सारंधा-भाग६

    उस दिन युद्ध जीतने के बाद रानी सारंधा बादशाह के घोड़े को अपने राज्य में ले आती है,क्योंकि यह घोड़ा चंपत राय को बहुत ही मोहित कर देता है, एक बार युवराज उस घोड़े में सवारी करते-करते आगरा तक पहुंच गए, बादशाह इसी फिराक में बैठा हुआ था और उसने अपने घोड़े को अपने कब्जे में ले लिया जब युवराज बुंदेलखंड लौट के आते हैं रानी सारंधा से अपनी आपबीती बताते हैं रानी सारंधा युवराज से कहती हैं तुम जीते ही क्यों लौट आए क्या तुझमे इतना भी बल नहीं था कि तुम उस घोड़े के लिए युद्ध कर सकते यह कहकर रानी अपने 25 सैनिकों के साथ बादशाह के महल पहुंचती है और फिर घोड़े को वापस पाने के लिए वह अपना राजपाठ सब कुछ दांव में लगाकर घोड़े को वापस ले आती है बादशाह कहता है यह सौदा आपको महंगा न पड़ा एक घोड़े के लिए आप अपना सब कुछ हार रही है रानी सारंधा ने कहा नहीं यह घोड़ा नहीं मेरी आन है और अपनी आन के लिए मैं अपनी जान भी निछावर कर सकती हूं।

    • 15 Min.
    रानी सारंधा-भाग५

    रानी सारंधा-भाग५

    इस एपिसोड में बताया गया है कि चंपत राय और रानी सारंधा जब ओरछा पहुंचते हैं, तो ओरछा के भाग जाग जाते हैं और इसी तरीके से दिन बीतने लगते हैं तभी शाहजहां बीमार पड़ते हैं शाहजहां के बीमार पड़ने के बाद उनके शत्रु लोग इसी धाक में बैठे रहते हैं कि कब दिल्ली पर आक्रमण कर सके, शहजादे मुराद और मुहीउद्दीन ने चंपत राय से मदद मांगी, चंपत राय ने रानी सारंधा से पूछा हमें क्या करना चाहिए रानी सारंधा ने कहा हमें उनकी मदद करनी चाहिए, युद्ध हुआ, युद्ध में हार होते देख एक सेना ने हारे हुए युद्ध को जीत में बदल दिया, यह सेना और किसी की नहीं यह सेना रानी सारंधा की थी।

    • 5 Min.

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