12 ज्योतिर्लिंग की कथाएँ

केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग

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ऊँचे हिमालयी पर्वतों के बीच, बादलों के करीब, लगभग 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है केदारनाथ, एक ऐसा तीर्थ, जहाँ तक पहुँच पाना ही एक तपस्या मानी जाती है। यहीं विराजमान हैं भगवान शिव, “केदारेश्वर” के रूप में, पंच केदारों में सबसे प्रमुख। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी दो प्रमुख मान्यताएँ हैं। पहली कथा भगवान विष्णु के अंशावतार नर और नारायण की है, जो बदरिकाश्रम में कठोर तपस्या करते थे। उन्होंने भगवान शिव से यह वर माँगा कि वे सदा‑सर्वदा यहीं उनके साथ रहें। दूसरी कथा महाभारत के बाद की है, जब पांडव अपने कर्मों की क्षमा पाने के लिए भगवान शिव की खोज में निकलते हैं। भगवान शिव उनसे छुपते हुए एक बैल का रूप लेकर हिमालय में चले जाते हैं। लेकिन भीम उन्हें पहचान लेते हैं और जब बैल भागता है, तो उसका कूबड़ केदारनाथ में रह जाता है और शरीर के अन्य भाग अलग‑अलग जगह प्रकट होते हैं। ये पाँच स्थान बनते हैं – पंच केदार। तो चलिये, केदारनाथ में भगवान शिव का निवास कैसे हुए, यह जानने के लिए सुनते हैं “केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग” की कथा। To know more, visit our website: https://chimesradio.com