कबीर की वाणी शेर की ज़ुबानी

नन्हा चूहा

Subscribers Only
जंगल में पुचकू नाम का नन्हा, शांत और अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला एक चूहा रेहता है। जब बड़े जानवर एक भव्य भोज की तैयारी में जुटे होते हैं, तो उसकी छोटी-छोटी कोशिशों पर कोई ध्यान नहीं देता। लेकिन जब अचानक आई तेज़ आंधी उनका सारा खाना बहा ले जाती है, और जानवर निराश होने लगते हैं, तब पुचकू आगे आकर उनकी मदद करने का प्रयास करता है लेकिन वह सभी पुचकू का मज़ाक उड़ाने लगते हैं। तभी बुद्धिमान राजा, शेर सिंह, उन सबको संत कबीर दास जी का एक दोहा सुनाते हैं और उन्हें यह समझाने कि कोशिश करते हैं कि पुचकू के प्रयासों की प्रशंसा होनी चाहिए। तो सुनिए इस दिलचस्प कहानी को और जानिए, कि क्या सभी जानवर यह समझ पाएंगे कि किसी का आकार देखकर उसे कम आंकना गलत है? अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ:  https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/