वंशीधर को अपनी ईमानदारी के कारण मुअत्तली का सामना करना पड़ा और वह शोक से व्यथित घर लौटे। उनके बूढ़े पिता ने उन्हें समझाया था पर वंशीधर ने उनकी एक न सुनी थी और अब उन्हें कुछ पछतावा भी हो रहा था।
परिवार में सभी नाराज़ थे—पिता ने क्रोध में कठोर बातें कही, माँ दुखी थीं, और पत्नी ने भी कई दिनों तक उनसे बात नहीं की। वंशीधर को अपने फैसले की भारी कीमत चुकानी पड़ी, और उनका जीवन कटु अनुभवों से भर गया।
तो आइये सुनते हैं मुंशी प्रेमचंद की इस कहानी का तीसरा भाग!
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Information
- Show
- Channel
- FrequencyComplete series
- Published4 November 2024 at 18:30 UTC
- Episode3