Shiv Shakti Gatha

देवी पार्वती से विवाह

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स्वागत है आपका "शिव शक्ति गाथा" के दूसरे भाग में, जहां हम जानेंगे कि कैसे हज़ारों वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद आखिर देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पा ही लिया। जब देवी शक्ति के अवतार देवी सती ने खुद को भस्म कर डाला और भगवान शिव अपनी पत्नी को खोने के दुख से वैरागी बन गए। तब राजा हिमालय के यहाँ देवी शक्ति ने फिर देवी पार्वती के रूप में जन्म लिया। जब नारद जी ने देवी पार्वती को देखा तो राजा हिमालय को इस बात से अवगत कराया कि देवी पार्वती के भाग्य में भगवान शिव की अर्धांग्नि बनना लिखा तो है, पर उनकी पत्नी के लिए देवी पार्वती को कठिन परीक्षा से गुज़रना होगा। देवी पार्वती जो भगवान शिव के प्रति बचपन से ही समर्पित थीं, उन्होनें खूब कड़ी तपस्या की, बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया, परंतु अंततः हिम्मत ना हारते हुए उन्हें भगवान शिव का यह वचन प्राप्त हो ही गया कि वह देवी पार्वती से विवाह करेंगे। तो आइये सुनते हैं, भगवान शिव और देवी पार्वती की कहानी। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/