
बारिश, बाढ़, सूखा: असामान्य, असन्तुलित मौसमी बदलाव, अब नए सामान्य हालात
कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा. या तो नदियों में बहुत अधिक जलस्तर है या फिर उसकी भीषण कमी महसूस की जा रही है. विश्व भर में ऐसे मौसमी रुझान देखने को मिल रहे हैं, जिनका पहले से अनुमान लगा पाना कठिन होता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी ने अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी है कि 2024 में जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन की वजह से गहरा दबाव रहा और चरम मौसम घटनाओं, जैसेकी सूखा, तूफ़ान या बाढ़ से समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को नुक़सान पहुँचा. यूएन न्यूज़ हिन्दी के सचिन गौड़ ने इस रिपोर्ट पर और जानकारी के लिए मौसम विज्ञान संगठन की वैज्ञानिक अधिकारी सुलग्ना मिश्रा के साथ बात की.उन्होंने बताया कि ग्लेशियर क्षेत्रों में यह लगातार तीसरा वर्ष है जब व्यापक पैमाने पर हिमनदों का पिघलना जारी रहा. बाढ़, सूखे व बारिश के रुझानों में आ रहे बड़े, असामान्य बदलाव अब नई सामान्य स्थिति बनती जा रही है.
Información
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- FrecuenciaCada dos semanas
- Publicado20 de septiembre de 2025, 3:35 p.m. UTC
- Duración11 min
- ClasificaciónApto