यूएन समाचार - वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानिय

वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

  1. -1 ДН.

    बारिश, बाढ़, सूखा: असामान्य, असन्तुलित मौसमी बदलाव, अब नए सामान्य हालात

    कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा. या तो नदियों में बहुत अधिक जलस्तर है या फिर उसकी भीषण कमी महसूस की जा रही है. विश्व भर में ऐसे मौसमी रुझान देखने को मिल रहे हैं, जिनका पहले से अनुमान लगा पाना कठिन होता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी ने अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी है कि 2024 में जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन की वजह से गहरा दबाव रहा और चरम मौसम घटनाओं, जैसेकी सूखा, तूफ़ान या बाढ़ से समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को नुक़सान पहुँचा. यूएन न्यूज़ हिन्दी के सचिन गौड़ ने इस रिपोर्ट पर और जानकारी के लिए मौसम विज्ञान संगठन की वैज्ञानिक अधिकारी सुलग्ना मिश्रा के साथ बात की.उन्होंने बताया कि ग्लेशियर क्षेत्रों में यह लगातार तीसरा वर्ष है जब व्यापक पैमाने पर हिमनदों का पिघलना जारी रहा. बाढ़, सूखे व बारिश के रुझानों में आ रहे बड़े, असामान्य बदलाव अब नई सामान्य स्थिति बनती जा रही है.

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  2. -1 ДН.

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 19 सितम्बर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में, वार्षिक वैश्विक पंचायत के लिए सज चुका है मंच, ज्वलन्त मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए विश्व भर से जुटेंगे नेता.अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान द्वारा, लड़कियों की शिक्षा पर लगाई गई रोक को हुए चार वर्ष, 70 लाख बच्चे कक्षाओं से बाहर.2024 में जलवायु परिवर्तन ने जल संसाधनों पर डाला गहरा दबाव, चरम मौसम से आम जीवन और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित… यूएन विशेषज्ञ सुलग्ना मिश्रा बताएंगी रिपोर्ट के अहम निष्कर्ष.विश्व में लैंगिक समानता की धीमी प्रगति, यूएन वीमेन एशिया-प्रशान्त की निदेशक क्रिस्टीन अरब से जानेंगे कि कहाँ रह गई है कमी.अरबों लोग आज भी पानी और बुनियादी स्वच्छता से वंचित, सतत विकास लक्ष्य - 6 की प्राप्ति, वास्तविकता से कितनी दूर... जानेंगे एसडीजीनामा में.

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  3. 12 СЕНТ.

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 12 सितम्बर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...सम्प्रभु फ़लस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के समर्थन में यूएन महासभा में प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित उधर दोहा में इसराइल के हमले पर चिन्ता और ग़ाज़ा में हर तरफ़ पसरी है मौत की गन्ध. नेपाल में कई दिनों की अशान्ति के बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को बनाया गया अन्तरिम प्रधानमंत्री. अफ़ग़ानिस्तान में भीषण भूकम्प से भारी तबाही के कारण पहले से जारी मानवीय सहायता में उत्पन्न हुई बाधा, राहत के लिए सहायता धनराशि जुटाने की अपील भी. करोड़ों बच्चे भरपेट, स्वस्थ भोजन नहीं मिलने की वजह से कम वज़न के शिकार, तो दूसरी ओर, हानिकारक भोजन खाने के कारण करोड़ों बच्चे मोटापे की चपेट में भी. लैंगिक असमानता है सामाजिक प्रगति में बड़ी बाधा, कितना ज़रूरी है सतत विकास लक्ष्य -5, जानेंगे एसडीजीनाम में.

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  4. 5 СЕНТ.

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 5 सितम्बर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...अफ़ग़ानिस्तान में भीषण भूकम्प से हुई व्यापक बर्बादी के बाद, ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने में जुटी यूएन एजेंसियाँ.ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई हुई तेज़, लोग फिर विस्थापित होने के लिए मजबूर, मानवीय सहायता प्रयासों के लिए बढ़ी मुश्किलें.भारत के उत्तरी राज्यों में आई बाढ़ से जान-माल की भीषण हानि पर गहरा दुख.दुनियाभर में 75 करोड़ से अधिक वयस्क निरक्षर, सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने के लक्ष्य की राह अभी कितनी दूर…जानेंगे एसडीजीनामा में.और, महिलाएँ, वैश्विक आबादी का आधा हिस्सा, लेकिन समाचार जगत में उनकी महज एक-चौथाई उपस्थिति.

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  5. 29 АВГ.

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 29 अगस्त 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...ग़ाज़ा में भयावह हालात का अन्त नहीं, व्यापक अकाल की आशंका भी, यूएन महासचिव ने फिर दोहराई युद्धविराम, मानवीय सहायता और बन्धकों की रिहाई की अपील.लड़कियों की शिक्षा पर तालेबान की पाबन्दियों के बावजूद, उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए अफ़ग़ान नागरिकों में विशाल समर्थन.विश्व खाद्य कार्यक्रम और भारत के बीच समझौते से, संकटग्रस्त इलाक़ों में पोषण और अन्न की आपूर्ति में सुधार की उम्मीद.प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से गहरा रहा है झीलों के लिए संकट. इस प्राकृतिक धरोहर को बचाने के प्रयास हैं ज़रूरी.सतत विकास लक्ष्य 3: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण से कैसे पड़ेगी मज़बूत समाज और अर्थव्यवस्था की नींव.

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  6. 28 АВГ.

    भूख संकट से निपटने के लिए, WFP और भारत की महत्वपूर्ण खाद्य साझेदारी

    विश्व खाद्य संगठन (WFP) और भारत ने वैश्विक भूख से लड़ने के लिए एक नया समझौता किया है. इस साझेदारी के तहत भारत, WFP को पोषक तत्वों में समृद्ध चावल उपलब्ध कराएगा. यह चावल संकटग्रस्त देशों में ज़रूरतमन्द लोगों तक पहुँचाया जाएगा ताकि कुपोषण से बचाव हो सके.भविष्य में चावल के अलावा, अन्नपूर्ति मशीनें, जन पोषण केन्द्र, स्मार्ट वेयरहाउसिंग और विशाल अनाज भंडारण तम्बू जैसी तकनीकों पर भी मिलकर काम किया जाएगा.यह समझौता क्या है और क्यों इतना अहम माना जा रहा है, इस पर विस्तार से जानकारी के लिए, नई दिल्ली में हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने बात की, भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के संचार व मीडिया प्रमुख, परविन्दर सिंह से.

  7. 26 АВГ.

    गाँव से शहर तक: भारत के युवा AI से बदल रहे हैं भविष्य की तस्वीर

    भारत में संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र (UNIC) ने 1M1B (1Million for 1Billion) संस्थान के साथ साझेदारी में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जहाँ भारत के कोने-कोने से आए युवा परिवर्तनकर्ता, अपने सपनों और संघर्षों की कहानियाँ लेकर आए. ये युवा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी नई तकनीक को केवल किताबों से आगे बढ़ाकर, ज़मीनी वास्तविकता में बदल रहे हैं - गाँवों की समस्याओं से लेकर शहरों की चुनौतियों तक. उनके विचार और नवाचार न केवल जीवन बदल रहे हैं, बल्कि समाज की हर परत को छू रहे हैं. नई दिल्ली में हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने 1M1B के संस्थापक, मानव सुबोध से बातचीत करके, यह जानना चाहा कि एआई को गाँव-गाँव, शहर-शहर ले जाने के लिए वो किस तरह से काम कर रहे हैं.

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  8. 22 АВГ.

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 22 अगस्त 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...यूएन एजेंसियों ने, लगभग 23 महीनों के युद्ध से त्रस्त ग़ाज़ा में की अकाल की पुष्टि. लगभग पाँच लाख लोग भुखमरी की चपेट में.दुनिया भर में हर दिन भोजन की अरबों थालियों के बराबर खाना कर दिया जाता है बर्बाद, जबकि दूसरी तरफ़ करोड़ों लोग रह जाते हैं भूखे पेट. सतत विकास लक्ष्य-2, इसी भूख के संकट को ख़त्म करने पर नज़र टिकाता है. जानेंगे विस्तार से एसडीजी-नामा में.दक्षिण एशिया में बारिश और बाढ़ का क़हर. पाकिस्तान और भारत में सैकड़ों लोगों की मौतें, और सम्पत्तियों का भारी नुक़सान.बच्चों को अनुशासित करने के लिए अक्सर घरों और स्कूलों में दिया जाता है शारीरिक दंड, मगर WHO के अनुसार, ऐसा दंड, जीवन भर उनके दिलो-दिमाग़ और  विकास को करता है प्रभावित.पश्चिम बंगाल में, कुछ महिलाओं ने संभाली, अपने गाँवों को खुले स्थानों में शौच करने के चलन से छुटकारा दिलाने की ज़िम्मेदारी, कैसे हो रहा है ये सम्भव.

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