☸️ *धम्मपद* ☸️ *१. यमक-वग्गो* *गाथा क्र. १:३* *३.* *अक्कोच्छि मं अवधि मं अजिनि मं अहासि मे ।* *ये च तं उपनय्हन्ति वेरं तेसं न सम्मति ।।३।।* *अनुवाद:* मुझे गाली दी, मुझे मारा, मुझे हरा दिया, मुझे लुट लिया- ऐसी बातें जो सोचते रहते हैं, मन में बांधे रखते हैं, उनका वैर कभी शांत नहीं होता ।। ३।।
Información
- Programa
- Publicado5 de septiembre de 2021, 1:44 a.m. UTC
- Duración6 min
- Temporada1
- Episodio4
- ClasificaciónApto