जब हम प्रकृति में होते हैं, तो हम उनकी सृष्टि की भव्यता को देखकर और उनकी वाणी को हमसे बात करने देकर ईश्वर के और करीब आ सकते हैं।
Informações
- Podcast
- Publicado30 de setembro de 2025 às 02:00 UTC
- Duração29min
- Episódio355
- ClassificaçãoLivre