ज़हनी और रूहानी विकास एक लंबा सिलसिला होता है,घर - परिवार चेतना के विकास की ज़मीन बनता है,इस ज़मीन पर संस्कारों के पेड़ पनपते हैं और इन्हीं पेड़ों में घिरी हुई चेतना की ज़मीन पर अंतर्मन की एक झील बहती है कि उसके ज़ोर से....... ----- अमृता प्रीतम,रसीदी टिकट
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- PublishedMay 17, 2025 at 7:16 AM UTC
- Length7 min
- RatingExplicit