Kahani Wali Kudi !!!(कहानी वाली कुड़ी)

स्वकथा-रसीदी टिकट ( Rasidi Ticket - Amrita Pritam's biography)

ज़िन्दगी जाने कैसी किताब है......जिसकी इबारत अक्षर-अक्षर बनती है ..... ,और फिर अक्षर-अक्षर टूटती . .बिखरती.. और बदलती है .... और चेतना की एक लम्बी यात्रा के बाद एक मुकाम आता है ,जब अपनी ज़िंदगी के बीते हुए काल का .. उस काल के हर- हादसे का . .. उसकी हर सुबह की निराशा का .. उसकी हर दोपहर की बेचैनी का ... उसकी हर संध्या की उदासीनता का ... और उसकी जागती रातों का ... एक वह जायज़ा लेने का सामर्थ्य पैदा होता है ... जिसकी तशरीह में नए अर्थों का जलाल होता है,और जिसके साथ हर हादसा एक वह कड़ी बनकर सामने आता है जिस पर किसी 'मैं' ने पैर रख के 'मैं' के पार जाना होता है -------- अमृता प्रीतम(रसीदी टिकट)