
439 - कविता... "बहुत देर कर दी प्रभु तुझ तक आते-आते" सुमन विशिष्ट जी... दिल्ली
भावार्थ...
इस सुंदर कविता की रचना सुमन जी ने की है l इस कविता के माध्यम से सुमन जी भगवान के प्रति अपना आभार व्यक्त कर रही हैं l मानव जीवन परमात्मा का सबसे सुंदर उपहार है क्योंकि एकमात्र मानव ही भक्ति करके परमात्मा को प्राप्त कर सकता हैं l यही मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य है और बाकी की योनियों में यह संभव नहीं हैl लेकिन अज्ञानता के कारण हमें अपने जीवन का वास्तविक लक्ष्य पता नहीं होता है इसलिए हम दुनियादारी में हमेशा तल्लीन रहकर अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं l लेकिन जब किसी जीव पर प्रभु की असीम कृपा होती है तब उसे प्रभु श्री हरि के चरणों की भक्ति प्राप्त होती है और वह भक्त भक्ति मार्ग पर जब आगे बढ़ता है तब उसे यह एहसास होता है कि उसने अपना बहुत सारा जीवन व्यर्थ की गतिविधियों में बर्बाद कर दिया है l अगर किसी भक्त के अंदर ऐसा एहसास जाग रहा हो तो इसका अर्थ है कि उस भक्त की प्रभु श्री हरि के चरणों में प्रीति बहुत बढ़ गई है l
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Информация
- Подкаст
- Опубликовано19 августа 2023 г. в 22:49 UTC
- Длительность12 мин.
- ОграниченияБез ненормативной лексики