
Hindi Ramayan Episode 26: राम का लक्ष्मण को समझाना, सुमंत्र से वार्तालाप और दशरथ का उदास होना (Ram consoles Lakshman, talks with Sumantra and Das
पिछली कथा में, हमने देखा कि कैसे गंगा तट पर राम, सीता और लक्ष्मण ने रात बिताई। भूमि पर शयन करते राम को देखकर निषादराज गुह का हृदय करुणा से भर आया, पर लक्ष्मण ने उन्हें ज्ञान और भक्ति से सांत्वना दी। सुमंत्र की आँखों में आँसू थे, पर उनके हृदय में यह गर्व था कि वे इस धर्मयात्रा के सहभागी बने। गंगा की लहरें उस रात राम के त्याग, लक्ष्मण की निष्ठा और गुह के अटूट स्नेह की साक्षी बनीं।
आज की कथा हमें उस क्षण में ले जाती है, जब राम अपने प्रिय भाई लक्ष्मण को समझाने का प्रयत्न करते हैं कि वे लौटकर अयोध्या जाएँ, क्योंकि उनके बिना माता-पिता और भरत का सहारा टूट जाएगा। साथ ही राम सुमंत्र से भी निवेदन करेंगे कि वे अयोध्या वापस लौटें और वहाँ की स्थिति का ध्यान रखें। हम देखेंगे कि गंगा पार करने के इस निर्णायक क्षण पर, न केवल वनवास की यात्रा का एक नया अध्याय आरंभ होता है, बल्कि राम के भीतर का करुण पक्ष भी उजागर होता है, जहाँ वे अपने प्रियजनों से विरह सहते हुए भी धर्म के मार्ग पर अडिग रहते हैं। और इसी कथा में हम अयोध्या के महलों की ओर भी लौटेंगे, जहाँ राम के प्रस्थान के बाद अंधकार और शोक ने अपना वास कर लिया है। वहाँ माताओं का विलाप, प्रजाजनों का रुदन और राजा दशरथ का टूटता हुआ हृदय हमें यह अनुभव कराएगा कि एक पुत्र का वनगमन केवल परिवार ही नहीं, पूरे नगर को कैसे शोक में डुबो देता है। तो आइए, चलें हमारे साथ इस प्रसंग में, जहाँ त्याग की राह और विरह की पीड़ा एक साथ मिलकर धर्म की सबसे बड़ी परीक्षा का रूप लेती है।
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정보
- 프로그램
- 주기매주 업데이트
- 발행일2025년 9월 30일 오전 11:24 UTC
- 길이31분
- 시즌2
- 에피소드10
- 등급전체 연령 사용가