Man Ki Udaan by Sapna Jain

Sapna Jain

Man ki Udaan by Sapna Jain is created to deliver what i feel. It will be a collection of Stories, Articles, Poems and Lines, Positive talks of life, mentorship

  1. अच्छा लगता है

    APR 28

    अच्छा लगता है

    अच्छा लगता है हर रोज़ सुबह यूँ तुम्हारी नज़रों के साये में उठना अच्छा लगता है बिन बोले ही सब कह देना, ये अंदाज़ थोड़ा जुदा लगता है अंदर ही अंदर कहीं दूर कोने में कुछ झंकृत सा बजता है हर रोज़ सुबह यूँ तुम्हारी नज़रों के साये में उठना अच्छा लगता है काली स्याह सी घनी रात में तुम चाँद सी शीतल रोशनी जैसे हो लेकिन ये शीतल एहसास भी तुम्हारे प्यार की गर्माहट को ज़िंदा रखता है और यही एहसास अंदर ही अंदर एक अलाव सा जलाए बैठा रहता है हर रोज़ सुबह यूँ तुम्हारी नज़रों के साये में उठना अच्छा लगता है आँखे खुली हो या बंद लेकिन तुम्हरे होने का एहसास मुझे ज़िंदा रखता है अपनी नज़रों से बस यूँ ही चंद फ़रमाइश करना अच्छा लगता है दूर कहीं बैठे मेरे इस मन को सुकून का एक चेहरा दिखता है हर रोज़ सुबह यूँ तुम्हारी नज़रों के साये में उठना अच्छा लगता है - सपना जैन

    1 min

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