
Shri Bhagavad Gita Chapter 17 | श्री भगवद गीता अध्याय 17 | श्लोक 23
यह श्लोक श्रीमद्भगवद गीता के 17.23 का अंश है। इसमें भगवान श्री कृष्ण "ॐ तत्सत्" के महत्व का वर्णन करते हुए कहते हैं:
"ॐ, तत् और सत्—ये ब्रह्म के तीन नाम हैं, जो प्राचीन समय से स्मरण किए गए हैं। इन्हीं के द्वारा ब्राह्मण, वेद और यज्ञ की रचना की गई थी।"
भगवान श्री कृष्ण यहाँ यह समझा रहे हैं कि ये तीन शब्द (ॐ, तत् और सत्) ब्रह्म के पवित्र और शाश्वत स्वरूप को व्यक्त करते हैं। ये शब्द न केवल वैदिक परंपराओं का मूल आधार हैं, बल्कि यज्ञ, तप और दान जैसे कर्मों को पवित्र और फलदायी बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
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المعلومات
- البرنامج
- معدل البثيتم التحديث أسبوعيًا
- تاريخ النشر١٢ فبراير ٢٠٢٥ في ٢:٣٠ م UTC
- مدة الحلقة١ من الدقائق
- الموسم١
- الحلقة٢٣
- التقييمملائم