Eid Milad un Nabi

मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम इस्लाम मज़हब के आखिरी पैगंबर थे, और उनके जन्मदिन को हर साल ज़ोर शोर से मनाया जाता है। इसी दिन को हम ईद मिलाद उन नबी या फिर ईद उल मिलाद कहते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के रबी अल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को मनाए जाने वाला यह दिन, आदर और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। अलग अलग देशों में इसे अलग तरीकों से मनाए जाने का चलन है। दुनिया भर के मुसलमान इस दिन पैगंबर के जीवन, उनकी शिक्षा और उनके संदेश को याद करते हैं। इस अवसर पर दुआएं की जाती हैं, उनके जीवन की घटनाएं सुनाई जाती हैं, और दान जैसे नेक कार्य किए जाते हैं। तो आइये सुनते हैं ईद मिलाद उन नबी की पूरी कहानी, कि इस दिन पर क्या क्या होता है, और इस दिन को मनाने की शुरुवात कैसे हुई। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/

‏4,99 ‏US$ كل شهر أو ‏39,99 ‏US$ كل سنة بعد الفترة التجريبية

الحلقات

  1. الحلقة ١

    मुहम्मद साहब की पैदाइश

    सदियों पहले अरब एक ऐसा इलाका था जहां हर तरफ़ रेगिस्तान हुआ करता था। यहां के लोग ज्यादातर खानाबदोश थे, यानी की वह इधर-उधर घूमते रहते थे और एक जगह पर घर बसाकर स्थिर नहीं रहते थे। उस समय राजनीतिक तौर पर अरब में कोई बड़ी हुकूमत नहीं थी और लोग क़बीलों में बँटे हुए थे। मक्का में सबसे अहम क़बीला था क़ुरैश कबीला, जिसे काबा की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई थी, और इस कबीले में भी एक ख़ास ख़ानदान था – बनी हाशिम जिसमें जन्म लिया एक ऐसे इंसान ने जो आगे चलकर इस्लाम धर्म के पैगंबर बने। तो आइये जानते हैं कि मुहम्मद साहब के जन्म की कहानी। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/

    ٥ من الدقائق
  2. الحلقة ٢ - المشتركون فقط

    बचपन के शुरुआती साल

    मुहम्मद साहब के वालिद उनके जन्म से पहले ही इस दुनिया से विदा ले चुके थे। इसलिए उनकी परवरिश का जिम्मा उनकी माँ और दादा जी ने संभाला। फिर मक्का शहर के रिवाज के चलते, उन्हें शहर से दूर रेगिस्तान में एक दूध पिलाने वाली महिला के यहाँ भेज दिया गया। चार साल की उम्र में वो अपने घर वापस लौटे लेकिन जल्द ही उनकी माँ और दादा दोनों का इंतेकाल हो गया और उनके जीवन में एक बहुत बड़ा बदलाव आया। आइये जानते हैं कि उनकी माँ और दादा के चले जाने के बाद, मुहम्मद साहब की परवरिश किसने की। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/

    ٦ من الدقائق
  3. الحلقة ٤ - المشتركون فقط

    ईद की शुरुआत

    मुहम्मद सल्लल लाहु अलैहि वसल्ल्म अल्लाह के नबी यानि उनके पैगंबर थे, और इस नाते उन्हे इस दुनिया में लोगों से जितना भी प्यार, जितनी भी इज्ज़त मिली थी, वह उनके इस दुनिया से चले जाने के बाद भी बरकरार रही। इसीलिए जिस दिन उन्होनें जन्म लिया था, उस दिन को आज तक, दुनिया भर के मुसलमान बहुत मानते और बड़ी खुशियों से इस दिन को मनाते हैं। इसी दिन को ईद मिलाद उन नबी यानि कि नबी के जन्म दिन के जश्न में मनाया जाने लगा। तो आइये जानते हैं कि दुनिया भर के अलग अलग देशों में इस तियोहार को कैसे अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/

    ٧ من الدقائق

برامج تتضمن ميزات الاشتراك

KIDS AUDIO STORIES

Get exclusive content, ad free

‏4,99 ‏US$ كل شهر أو ‏39,99 ‏US$ كل سنة بعد الفترة التجريبية

حول

मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम इस्लाम मज़हब के आखिरी पैगंबर थे, और उनके जन्मदिन को हर साल ज़ोर शोर से मनाया जाता है। इसी दिन को हम ईद मिलाद उन नबी या फिर ईद उल मिलाद कहते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के रबी अल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को मनाए जाने वाला यह दिन, आदर और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। अलग अलग देशों में इसे अलग तरीकों से मनाए जाने का चलन है। दुनिया भर के मुसलमान इस दिन पैगंबर के जीवन, उनकी शिक्षा और उनके संदेश को याद करते हैं। इस अवसर पर दुआएं की जाती हैं, उनके जीवन की घटनाएं सुनाई जाती हैं, और दान जैसे नेक कार्य किए जाते हैं। तो आइये सुनते हैं ईद मिलाद उन नबी की पूरी कहानी, कि इस दिन पर क्या क्या होता है, और इस दिन को मनाने की शुरुवात कैसे हुई। अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: https://chimesradio.com हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स पर हमें फॉलो करें: https://www.instagram.com/vrchimesradio/ https://www.facebook.com/chimesradio/

المزيد من Chimes - Indian Stories