
12 ज्योतिर्लिंग की कथाएँ
देवों के देव, महादेव, जिन्हें कोई भोलेनाथ कहता है, कोई शंकर, कोई नटराज, तो कोई उन्हें त्रिनेत्रधारी, जटाधारी और कालों के काल के रूप में पूजता है। वह संहार के देव हैं, लेकिन उतने ही करुणामयी सृजनकर्ता भी। उनकी भक्ति केवल एक पूजा नहीं, एक अनुभव है, आत्मा को परमात्मा से जोड़ने वाला अनुभव। भगवान शिव की उपासना के अनेक रूप हैं, लेकिन उनमें सबसे दिव्य, सबसे चमत्कारिक माने जाते हैं - ज्योतिर्लिंग। ज्योतिर्लिंग यानी वह स्थान, जहाँ भगवान शिव स्वयं "ज्योति स्वरूप" में प्रकट हुए। यह वो स्थल हैं जहाँ आज भी भक्तों को शिव की उपस्थिति सजीव रूप में अनुभव होती है। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर कुल 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग हैं - सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम् और घृष्णेश्वर या घुश्मेश्वर। इस श्रृंखला में हम जानेंगे, इन 12 पवित्र स्थलों का इतिहास, उनके पीछे छिपी लोक कथाएँ, और उन स्थलों पर भगवान शिव की दिव्यता के प्रभाव को मेहसूस करेंगे। Visit our website to know more: https://chimesradio.com
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