Masala Chai HW News Network
-
- Society & Culture
-
इस खास सेगमेंट में कविता के माध्यम हम गंभीर बातों को आप तक पहुंचाते है.
-
-
बस एक बार मुझको सरकार बनाने दो
प्रधानसेवक के झकाझक भाषणों से देश की सारी समस्याएं हल हो जाने वाली हैं और कुछ करने की ज़रुरत ही नहीं है लोग मस्त रहें पकोड़े छानें
-
-
हम तो प्यार करते रहेंगे, तुम्हारी ऐसी की तैसी
आप चाहें तो प्रेम कर लीजिये, आप चाहें तो लव कर लीजिये प्रेम न भाषा देखता है न देशी-विदेशी देखता है, प्रेम सरहदें नहीं देखता, प्रेम धर्म नहीं देखता, प्रेम में सियासत घुसेड़ने वालों हम तप प्रेम करते रहेंगे तुम्हारी ऐसी की तैसी.
-
इसका बजट से कोई लेना देना नहीं है
इब्ने इंशा की किताब 'उर्दू की आख़िरी किताब' के कुछ अंश
-